यदि हिंदुओं का अपना ईश्वर होता, ईसाइयों का अपना ईश्वर होता और मुसलमानों का अपना ईश्वर होता, तो कल्पना कीजिए कि इस स्तिथि में क्या होगा? क्या इन देवताओं के बीच कभी इस बात पर मतभेद और लड़ाई नहीं होती कि किसके भक्तों को सूर्य, ऑक्सीजन या बारिश से अधिक लाभ मिलने चाहिए?